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Saturday 13 February 2010

मोहब्बत की इबादत

14 फ़रवरी के दिन को प्यार करने वाले एक त्यौहार की तरह मनाते है. एक ऐसा त्यौहार जो किसी जात या धर्म का नहीं बल्की उन युवाओं का है जो जात मजहब के हवाले से उपर उठकर सिर्फ प्रेम को प्राथमिकता देते है. ये पन्तिया सिर्फ उन युवाओ के लिए है जो मोहब्बत  को ही इबादत मानते है............

अरे तड़प के मरने वाले दीवानों
फकत जीने का इल्जान न लो
जीयो तो ऐसे जीयो की दूसरो को जीने का ढंग बतला दो
क्योकि खुदा की खुदाई से मिलती है मोहब्बत
इस जिन्दगी को मोहब्बत पर वार दो
झूठ साबित कर दो मोहब्बत के शेरो को
दीवानगी को भी कामयाब कर दो
एक बार भीर बता दो हीर रांझे की दास्ता
मोहब्बत को फिर से पाक कर दो


1 comment:

Anonymous said...

bhai meri muhabbat ke bare mein bhi kuch likh digiye.sameer