कुछ के सपने मिले
कुछ के दिल मिल गए
ऐसे ही हम मिलते गए
बन गया एक कारवा
ऐसा है
एक कारवा मेरा भी इस कारवा की है अपनी बात
विस्वाश की बुनियाद , प्यार की फुहार
आपसी जज्बातों से जुढ़ा है ये कारवा
ऐसा है
एक कारवा मेरा भी
इस कारवा का है अपना अंदाज
जिसमे देता है हर कोई एक दूजे का साथ
जिधर से गुजरता है ये कारवा
कहते है लोग
ऐसा नहीं कोई कारवा, जैसा हैएक कारवा मेरा भी
देते रहे सबका साथ
पकडे रहे इक दूजे का हाथ
कटने लगी जिन्दगी मौजो में
जिन्दगी ने हमने कहा
ऐसा नहीं कोई कारवा, जैसा है
एक कारवा मेरा भी
जब जिन्दगी हमसे होती है खफा
तब रहती है एक दूजी की दुआ
निकल आते है जिन्दगी के तलातुम से
है दोस्तों में वो बात , जिससे बना ये करवा
जैसा है
एक कारवा मेरा भी
3 comments:
इस नए ब्लॉग के साथ नए वर्ष में हिन्दी ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है .. अच्छा लिखते हैं आप .. आपके और आपके परिवार वालों के लिए नववर्ष मंगलमय हो !!
aap ko bhi naye varsh ki hardik badhi. comment ke liye dhanyawad.
bhai mere liye bhi kuch likho.sameer
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