कुछ के सपने मिले
कुछ के दिल मिल गए
ऐसे ही हम मिलते गए
बन गया एक कारवा
ऐसा है
एक कारवा मेरा भी इस कारवा की है अपनी बात
विस्वाश की बुनियाद , प्यार की फुहार
आपसी जज्बातों से जुढ़ा है ये कारवा
ऐसा है
एक कारवा मेरा भी
इस कारवा का है अपना अंदाज
जिसमे देता है हर कोई एक दूजे का साथ
जिधर से गुजरता है ये कारवा
कहते है लोग
ऐसा नहीं कोई कारवा, जैसा हैएक कारवा मेरा भी
देते रहे सबका साथ
पकडे रहे इक दूजे का हाथ
कटने लगी जिन्दगी मौजो में
जिन्दगी ने हमने कहा
ऐसा नहीं कोई कारवा, जैसा है
एक कारवा मेरा भी
जब जिन्दगी हमसे होती है खफा
तब रहती है एक दूजी की दुआ
निकल आते है जिन्दगी के तलातुम से
है दोस्तों में वो बात , जिससे बना ये करवा
जैसा है
एक कारवा मेरा भी